मुनि रमेश कुमार
जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के आद्य प्रवर्तक आचार्य श्री भिक्षु की संत परंपरा में दीक्षित मुनि श्री रमेश कुमार वर्तमान में तेरापंथ धर्म संघ के एकादशम् अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के विश्रुत नेतृत्व में ध्यान-साधना, जप-तप में निष्णात, मंत्रों के सुविज्ञ ज्ञाता एवं प्रभावशाली धर्म प्रचारक संत हैं।
आपका जन्म विक्रम संवत 2020 भाद्रव शुक्ला पंचमी, तद्नुसार 24-08-1963 को सरदारशहर (राजस्थान) में हुआ। श्रीमान मंगलचंद जी सेठिया आपके पिताश्री एवं श्रीमति रेवती देवी सेठिया आपकी माताश्री हैं। बचपन से ही आपके परिवार में प्राप्त सुसंस्कारों के वपन से प्रेरित होकर रमेश कुमार ने 15 वर्ष की अल्पायु में तेरापंथ धर्मसंघ के नवमें आचार्य युगप्रधान, अणुव्रत के सूत्रधार आचार्य श्री तुलसी के शासनकाल में विक्रम संवत 2035 आश्विन पूर्णिमा (शरद् पूर्णिमा) को गंगाशहर (बीकानेर) में जैन भगवती दीक्षा ग्रहण की। आपके दीक्षा प्रदाता गुरु आचार्य श्री तुलसी थे। आचार्य श्री तुलसी ने आपको साध्वाचार की साधना में निष्णात बनाने एवं अध्ययन आदि की दृष्टि से दशमाचार्य, आध्यात्म योगी आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी (मुनि नथमल जी) के वर्ग में मुनिश्री राजेन्द्र कुमार जी की देखरेख में रखा।
बहिर्विहार में आपके जीवन निर्माता अग्रगण्य मुनिश्री सुमेरमलजी 'सुमन' के सान्निध्य में 23 वर्ष रहने का सुयोग प्राप्त करते हुए आगम स्वाध्याय, तत्वज्ञान पारायण, प्रारंभिक संस्कृत एवं प्राकृत भाषा का सघन अध्ययन किया। वक्तृत्व कला, साधना, सेवा आदि में मुनि रमेशकुमार जी ने उल्लेखनीय विकास किया। आपकी साहित्यिक रुचि भी सविशेष है। "दिशा सकारात्मक जीवन की" के लेखक मुनि रमेश कुमार जी, उपवास, आयंबिल, मौन व्रत आदि एकान्त साधना के साथ संघीय दायित्व को भी सहज श्रद्धा भाव से ओत-प्रोत श्लाघनीय निर्वहन करते हैं।
जैन धर्म व दर्शन, तेरापंथ दर्शन की मीमांसा, जीवन जीने की कला, भक्तामर प्रवचन माला आदि के 800 से अधिक आपके वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं।
भारत, नेपाल, भूटान, तीन देशों की लगभग 40,000 किलोमीटर की यात्रा कर चुके मुनि रमेश कुमार जी को आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने 28 जून 2004 को अग्रगण्य [ग्रुप लीडर] बनाया।
आचार्य श्री महाश्रमण जी के शासनकाल में आपको देश-विदेश की प्रलंब पदयात्रा करने का अवसर मिला। आपने अपनी प्रभावशाली पदयात्रा से जन-जीवन शैली को विकासोन्मुखी किया है। अनेक बुद्धिजीवी, राजकीय अधिकारी, राजनेता आपके समाज सेवी व्यक्तित्व से प्रभावित हुए हैं। अपनी यात्रा में संघीय सार-संभाल के साथ लोगों को जीवन जीने की कला, मानसिक शांति और आत्म कल्याण की ओर अग्रसर करते रहते हैं। अणुव्रत प्रेक्षा ध्यान को अपनाने की प्रेरणा देते हैं।
मुनि श्री रमेश कुमार शांति और करुणा के प्रतीक भी हैं। सहज सरल स्वभाव के कारण एक बार सम्पर्क में आने वाला आपके साधना रत व्यक्तित्व से विमुग्ध हो जाता है।
जन्म

दीक्षा
अपनी बहन, उज्जवल रेखा जी की दीक्षा से प्रेरित होकर और आचार्य श्री तुलसी के ज्ञान द्वारा निर्देशित, मुनि रमेश कुमार जी ने 14 साल की छोटी उम्र में ही संन्यास ग्रहण करने का परिवर्तनकारी निर्णय लिया। अज्ञावन मुनि सुमेरमलजी के मार्गदर्शन में, उन्होंने आत्म-खोज और सेवा के जीवन के लिए खुद को समर्पित करते हुए अपना आध्यात्मिक प्रशिक्षण शुरू किया।

















धर्म प्रचार
50 से अधिक वर्षों से, मुनि रमेश कुमार जी मानवता के उत्थान और भगवान महावीर की शिक्षाओं के प्रसार के लिए समर्पित हैं:
- पूरे भारत में 35,000 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर, शांति और सद्भाव के अपने संदेश से अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
- दिशा सकारात्मक जीवन की लिखी, जिसमें उपवास, मौन व्रत और सचेत भोजन जैसी प्राचीन प्रथाओं में गहन अंतर्दृष्टि साझा की गई है।
- 800 से अधिक वीडियो के साथ एक यूट्यूब चैनल बनाया, जिससे जैन धर्म वैश्विक दर्शकों के लिए सुलभ हो गया।
- अनुव्रत के सिद्धांतों को अथक रूप से बढ़ावा दिया, आत्म-अनुशासन, नैतिक जीवन और समग्र कल्याण को प्रोत्साहित किया।










